गौरव पुराण
त्र्यम्बकं यजामहे इन शब्दों को सुनकर बड़े रोग हरते हैं मनुष्य के। इसका यथार्थ इस पुराण में दार्शनिक रूप से विस्तारित किया गया है। चक्र है इस धरा पर, ऐसा चक्र जिससे कोई भी अछूता नहीं रहा। युगों-युगों से अनुभूतियाँ स्पष्ट रूप में देखने को मिली हैं, और इन्हीं अनुभूतियों को जीवन का यथार्थ स्वरूप […]