July 23, 2025

An Eye IS The Difference

I Think, First Thought (मैं सोचता हूँ अध्याय 1)

“खुद को कभी देखा है, आईने में जरूर देखा होगा। भला कौन नहीं देखता। मगर कभी ये सवाल आया है की आखिर मैं इस शक्ल को पा सकता हूँ? महज दो डीएनए ने मिल कर मुझे ऐसा बना दिया की मैं ऐसा दिखने लगा। अगर ये ख्याल आज आपके दिमाग में आया है तो सही […]

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An Eye IS The Difference

I Think (मैं सोचता हूँ) Introduction, A Philosophy

गुंबद देखकर अचानक सोचने लगा कि यह भला क्या चीज़ है। फिर उसके नीचे बैठकर उसकी छाया में उस पर की हुई कलाकारी को देखने लगा। अचानक से आँखों के आगे अंधेरा छा गया। तबियत थोड़ी नजर दिखी। फिर उठा, एक सेब खाया और फिर उस कलाकारी में खो गया। उसकी नक़्क़ाशी की बारीकियां इतनी

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